Last Navratri Poojan की संपूर्ण विधि, मंत्र जाप सहित

अंतिम नवरात्रि पूजन(Last Navratri Poojan), जिसे नवमी पूजा के नाम से भी जाना जाता है, का विशेष महत्व है। इस दिन माता दुर्गा के भक्तगण विशेष रूप से उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं और विधिपूर्वक पूजन करते हैं। इस दिन विशेष रूप से कन्याओं का पूजन करने की परंपरा है, जिसे “कन्या पूजन” कहा जाता है।

नवरात्रि का त्योहार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्व देवी दुर्गा की पूजा का अवसर होता है, जिसमें भक्तगण नौ दिनों तक उपवास करते हैं और माता की आराधना करते हैं। अंतिम नवरात्रि पूजन इस उत्सव का विशेष दिन होता है, जो नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस लेख में, हम अंतिम नवरात्रि पूजन की प्रक्रिया, सामग्री, मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Last Navratri Poojan नवरात्रि पूजन सामग्री

Last Navratri Poojan के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। यहां एक तालिका प्रस्तुत की जा रही है, जिसमें आवश्यक सामग्री का विवरण दिया गया है:

सामग्रीमात्रा
कलश1
जौ (बारह दिन का)250 ग्राम
नारियल1
फल5-7 प्रकार
फूल5 प्रकार
कुमकुम1 पैकेट
दीपक2
अगरबत्ती1 पैकेट
मिठाई1 किलो
प्रसाद1 थाली

Last Navratri पूजन विधि

अंतिम नवरात्रि पूजन(Last Navratri Poojan) विधि को विधिपूर्वक करने से माता की कृपा प्राप्त होती है। पूजन की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में विभाजित की गई है:

1. पूजन स्थान की तैयारी

  • पूजन स्थान को साफ-सुथरा करें और वहां एक पीठिका बनाएं।
  • पीठिका पर कलश स्थापित करें और उसमें जौ रखें।

2. दीप जलाना

  • पूजा के आरंभ में दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाएं।
  • माता दुर्गा का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें।

3. पुष्प अर्पित करना

  • माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के फूल अर्पित करें।
  • कुमकुम से टीका लगाएं।

4. नैवेद्य अर्पित करना

  • मिठाई और फल का नैवेद्य अर्पित करें।
  • माता से विशेष आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

5. कन्या पूजन

  • 9 कन्याओं को बुलाकर उन्हें आमंत्रित करें।
  • कन्याओं के पैर धोकर उन्हें पूजा करें और भोग लगाएं।

6. आरती करना

  • अंत में माता की आरती करें और सभी भक्तों को प्रसाद वितरण करें।

Last Navratri Poojan : माता की आरती

नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की आरती का विशेष महत्व होता है। यह आरती माता की स्तुति और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। अंतिम नवरात्रि के दिन, विशेषकर नवमी के दिन, भक्त माता दुर्गा की आरती करते हैं, जो उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाती है।

यहां एक लोकप्रिय आरती का पाठ प्रस्तुत किया जा रहा है:

जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।
जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।।

तुम ही हो सृष्टि की माता,
तुम ही हो जग की राधा।
तुमसे ही प्रगति का रस्ता,
तुमसे ही सुख का नारा।।

जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।
जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।।

कष्ट में तुम ही हो सहारा,
दुख में तुम हो सच्चा यारा।
कण-कण में तुम ही हो बसी,
तुमसे ही मिलती है खुशी।।

जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।
जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।।

शक्ति हो, तुम हो ज्ञान,
हर दिल में तुम हो सामान।
भक्तों की तुम हो रक्षक,
सदैव साथ हो, तुम हो सच्चा।।

जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।
जय दुर्गा, जय दुर्गा,
जय दुर्गा माता।।

Last Navratri Poojan(अंतिम नवरात्रि पूजन)अंतिम मुहूर्त

अंतिम नवरात्रि पूजन के लिए सही मुहूर्त का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित तालिका में अंतिम नवरात्रि पूजन के मुहूर्त का विवरण दिया गया है:

तिथिमुहूर्त समयविशेष जानकारी
नवरात्रि नवमी10:30 AM – 11:30 AMकन्या पूजन का मुहूर्त
नवरात्रि नवमी12:00 PM – 1:00 PMदुर्गा सप्तशती का पाठ

Last Navratri Poojan अंतिम नवरात्रि पूजन से जुड़े विशेष उपाय

  1. कन्या पूजन: इस दिन कन्याओं का पूजन विशेष फलदायी होता है। यह परंपरा माता दुर्गा को खुश करने का एक साधन है।
  2. सिद्धि प्राप्ति: अंतिम नवरात्रि में विशेष मंत्रों का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। “ॐ दुर्गायै नमः” का जाप विशेष फल देता है।
  3. प्रसाद वितरण: परिवार और पड़ोसियों के बीच प्रसाद का वितरण करने से सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।

Last Navratri Poojan अंतिम नवरात्रि पूजन के लाभ

अंतिम नवरात्रि पूजन करने से भक्तगण अनेक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जैसे:

  • शांति और समृद्धि: माता दुर्गा की आराधना से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • नकारात्मकता का नाश: इस दिन की पूजा से सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
  • आध्यात्मिक विकास: इस दिन विशेष ध्यान और साधना करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।

Last नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा विधि

अंतिम नवरात्रि पूजा के अलावा, पूरे नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष पूजा विधियों का पालन किया जाता है:

  1. हर दिन देवी का अलग रूप: हर दिन देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करना आवश्यक होता है।
  2. उपवास: भक्तगण उपवास रखकर अपने मन की शुद्धता को बढ़ाते हैं।
  3. जप और ध्यान: नवरात्रि के दिनों में जप और ध्यान से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

अंतिम Navratri पूजन का आध्यात्मिक महत्व

अंतिम नवरात्रि पूजन का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। यह पर्व हमें अपने भीतर की शक्तियों को पहचानने और उसे जागृत करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन माता दुर्गा की आराधना से हम अपने अंतर्मन में छिपी शक्तियों को उजागर कर सकते हैं।

अंतिम नवरात्रि पूजन एक ऐसा अवसर है जब हम माता दुर्गा की आराधना कर अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इस पर्व का सही तरीके से पालन करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि सामाजिक संबंध भी मजबूत होते हैं। इसलिए, इस नवरात्रि पूजन को ध्यान से और श्रद्धा पूर्वक करें, ताकि आप माता दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकें।

पंडित गौरव शास्त्री एक प्रतिष्ठित विद्वान और लेखक हैं, जो 108vedas.com वेबसाइट के लिए लेखन करते हैं। उन्हें वेद, पुराण, नक्षत्र और सनातन संस्कृति का गहन ज्ञान है। पंडित गौरव ने ऋषिकुल संस्कृत महाविद्यालय, गुरुग्राम से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की है। शास्त्री जी ने अपने लेखन के माध्यम से प्राचीन भारतीय धर्मग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र की महिमा को जनसाधारण तक पहुँचाने का कार्य करते हैं, जिससे लोगों को सनातन धर्म की गहरी समझ और उसकी महत्ता का बोध हो सके।

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